महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सूत्र:
1) हमेशा पानी को घूट-घूट करके पिये और खाने को खूब चबा चबा कर खाएं
“खाने को पियो और पीने को खाओ”
2) खाने के 40 मिनट पहले और 60-90 मिनट के बाद पानी पिये।
फ्रीज का ठंडा पानी, बर्फ डाला हुआ पानी जीवन मे कभी भी नही पिये। गुनगुना या मिट्टी के घडे का पानी ही पिये ।
3)सुबह जगने के बाद बिना कुल्ला करे 2 गिलास पानी सुख आसन मे बैठकर पानी घूटं-घूटं करके पिये
यानी उषा पान करे ।
4) खाने के साथ भी कभी पानी न पिये। जरुरत पड़े तो सुबह ताजा फल का रस, दोपहर मे छाछ और
रात्रि मे गर्म दूध का उपयोग कर सकते हैं।
5) भोजन हमेशा सुखआसन मे बैठकर करे और ध्यान खाने पर ही रहे, मतलब टेलीविजन देखते, गाने सुनते हुए, पढ़ते हुए, बातचीत करते हुए कभी भी भोजन न करे।
6) हमेशा बैठ कर खाना खाये और बैठ कर ही पानी पियें। सुखासन मे बैठ कर ही खाना खाये।
7) फ्रीज़ मे रखा हुआ भोजन न करें या उसे साधारण तापमान में आने पर ही खाये।
खाना दुबारा कभी भी गर्म ना करे।
8) गूँथ कर रखे हुये आटे की रोटी कभी न खाये, जैसे-कुछ लोग सुबह में ही आटा गूँथ कर रख देते है और शाम को उसी से बनी हुई चपाती खा लेते है जो स्वास्थ के लिए हानिकारक है। ताजा बनाए ताजा खाये।
9) खाना खाने के तुरंत बाद पेशाब जरूर करे ऐसा करने से डायबिटज होने की समभावना कम होती हैं।
10) मौसम पर आने वाले फल, और सब्जियाँ ही उत्तम है इसलिए बिना मौसम वाली सब्जियाँ या फल न खाये।
11) सुबह मे पेट भर भोजन करें। जबकि रात मे बहुत हल्का भोजन करें।
12) रात को खीरा, दही और कोई भी वात उत्पन्न करने वाली चीज न खाये।
13) दही के साथ उड़द की दाल न खाये। जैसे-दही और उड़द की दाल का बना हुआ भल्ला/ बडा।
14) दूध के साथ नमक या नमक की बनी कोई भी चीज न खाये। क्योंकि ये दोनों एक दूसरे के प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
15) दूध से बनी कोई भी दो चीजे एक साथ न खाये।
16) कोई भी खट्टी चीज दूध के साथ न खाये सिर्फ एक खा सकते है आँवला। खट्टे आम का शेक न पिये केवल मीठे पके हुए आम का ही शेक पीये ।
17) घी और शहद का उपयोग सम मात्रा में मिलाकर न करें! क्योंकि दोनों सम मात्रा में मिलकर विष बनाते है।
18) खाना भूख से कम ही खाये। जीने के लिए खाना खाये न कि खाने के लिए जीये।
19) रिफाइण्ड तेल जहर हैं आप हमेशा कच्ची घाणी का सरसो, तिल या मूगंफली का तेल ही उपयोग करे और जीवन मे हाटॅ टेक व जोडो के दर्द से बचे ।
20) तला, और मसालेयुक्त खाना खाने से बचे। अगर ज्यादा ही मन हो तो सुबह मे खाये रात मे कभी भी नहीं।
21) खाने मे गुड, देसी खांड या मिस्री का ही प्रयोग करें, चीनी के प्रयोग स बचें।
22) नमक का अधिक सेवन न करें। आयोडिन युक्त समुद्री नमक का उपयोग बिल्कुल भी नही करे!
सेधां, काला या डली वाला नमक इस्तेमाल करें।
23) मेदा, नमक और चीनी ये तीनों सफ़ेद जहर है इनके प्रयोग से बचें।
24) हमेशा साधारण पानी से नहाएँ और पहले पैरो पर फिर सर पर पानी डालना चाहिये।
25) हमेशा पीठ को सीधी रख कर बेठे।
26) सर्दियों मे होंठ के फटने से बचने के लिए नहाने से पहले नाभि मे सरसों के तेल लगाये ।
27) शाम के खाने के बाद 2 घंटे तक न सोये। 5 से 10 मिनट वज्रासन मे बैठे 1000 कदम सैर जरूर करें।
28) भोजन पकाते समय सूर्य प्रकाश और वायु का स्पर्श दोनों भोजन को मिलना चाहिए।
29) कूकर मे खाना न पकाए बल्कि किसी खुले बर्तन मे बनाए, क्योकि कूकर मे खाना गलता है पकता नही है और खुले बर्तन के अन्दर खाना पकता हैं इससे खाने में प्रोटीन मात्रा 93 प्रतिशत होती है और कूकर मे मात्र 13 प्रतिशत रहती है ।
30) सिल्वर/ अल्युमीनियम के बर्तनो का प्रयोग खाना बनाने और खाने दोनों के लिए कभी भी न करें!पीतल, कासां,मिट्टी के बर्तन का ही उपयोग करें।
31) खाने को कम से कम 32 बार चबाये।
32) टूथब्रश का प्रयोग न करें इससे मसूड़े कमजोर होते है। दंतमंजन का प्रयोग कर सकते है।
33) अपनी दोनों नासिकाओ मे देशी गाय के घी को हल्का गुनगुना करके 1-1 बुंद रात मे डालने से दिमाग तंदरुस्त रहता है। नजला जुकाम, सिर दर्द,माइगृेन, नींद नहीं आना, तनावआदि समस्या का समाधान होता हैं ।
34) हमेशा मीठा, नमकीन से पहले खाना चाहिए ।
35) बार-बार नहीं खाना चाहिये एक बार बैठ करभरपेट या उससे थोड़ा कम खाना चाहिये।
36) हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिये।नकारात्मक सोचने से भी बीमारियाँ आती है।